वीगत साठ वर्षों तक हमारे किसान भाई को गवार बनाके रखा गेया। उनको देश दुनिया के बारे मैं अज्ञान अन्धकार मैं रखा गया। बहत सारा राज्यों मैं किसान भाई को सरकार का कृषि पॉलिसी के बारे मैं सच्चाई पता नहीं है। छे दसंध तक निजी स्वार्थ हेतु किसान भाई को अंधेरे में रखा गया। और धीरे धीरे किसान भाई अपने को लाचार मानने लगा। पॉलिसी तो बना दिया गया पर उसको कार्यकारी नहीं किया गया। इसीलिए किसान भाई को कृषि से लाभ नहीं मिल सका। धीरे धीरे किसान भाई को जात पात के नाम पर बांटा गेया। उनके मध्य कलह का सृष्टि किया गया। और उनका एकता को खंडित किया गया। राजधानी मैं किसान केलिए पॉलिसी निकला और गांव में किसान भाई को कुछ पता ना चला। ऎसे चालता रहा। कभी उंकेलिए पालिसी नहीं बना। पर उनके हित के बारे में हवा बनाके उनको कुछ चाटुकार घूसखोरी किसान भाई को ठग ने लगे। धीरे धीरे किसान को नुकसान भरना पड़ा। और किसान के भरोसा इन राजनेताओं से उठ गया।
अब उस अविश्वसनीयता और नुकसान उठाने का भय से उनको कौन निकलेगा? ये एक बहुत दुसद्य कार्य हे जिसको हमारी वर्तमान की सरकार कर रहा हे। हमारे मोदीजी किसान कि समस्या को भली भांति जिया हे और मेहसूस किया हे। क्यूं की वो अपनी जिंदगी अपने भारत माता की नाम किया हे। अगर किसान भाई छे दसंधी तक नुकसान सहा हे तो मोदीजी को भी तिश साल दे के देख ले। अपने भारत माता को और खुदको हस्ता किलखिलता हुआ पाओगे। अपने किसान भाई को मोदीजी का जीवन को परख ना होगा। केसे व्यक्ति है, जानना होगा जो अपनेलिए कभी कुछ नहीं किया। अपने देश के किसान के बरें में हमेशा सोचा।
- अपने मोदी सरकार जो कृषि कानून लाएं हैं, वो किसान भाई केलिए बहुत अच्छा है। पहले किसान भाई अपने उपजाऊ को कहीं भी अलग स्टेट में बेच नहीं पाते थे। परन्तु ये बिल किसान भाई को सरकारी स्तर पर अनुमति देता हे वो अपना उत्पाद को कहीं भी भारत में बेच सकता हैं।
- ये कृषि कानून एमएसपी से कुछ छेड़छाड़ नहीं करता हे। एपीएमसी के तहत जो भी एमएसपी होगा उसको मानेगा।
- ये कृषि कानून किसान को अपने पुराने मार्केट के बाहर जाकर फसल को बेचने कि अनुमति देता है। किसान एमएसपी से ज्यादा दाम भी डिमांड करसक्ता हे।
- जैसे पुराने मंडी सब चलता था वैसे ही चलेगा। पर जो किसान चाहेगा वो बाहर की राज्यों में भी फसल बेच पाएगा। और उसपर राज्य का टैक्स नहीं लागू होगा।
- ये कृषि कानून किसान को बड़ा मार्केट अथवा बाजार दे रहा हे। तो ये खुसी कि बात हुईं ना।
- ये बिल किसान भाई को एक प्लेटफॉर्म दे रहा है जिसमें किसान भाई अंतरास्ट्रीय बाजार को भी जा सकता है। सिर्फ इस्केलिये उसको अपने राज्यों में रजिस्ट्रेशन करना होगा खुदको। किसान भाई ग्रुप होके भी अपने को रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। उसको फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गनाइजेशन बोला जाएगा। किसान इसिके माध्यम से ब्यापर करेगा राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर।
- सरकारी स्तर पर व्यापार का जायजा लिया जाएगा। कोई भी डिस्प्यूट होगा तो उसका रिजॉल्यूशन कियाजाएगा सरकारी स्तर पर एसडीएम के लेबल पर होगा।
- धोखागरी केलिए भी सख्त भुगतान रखा गेया है। अगर कोई कृषि मूल्य में धोखा करेगा, उस्केलिये पच्चीस हजार से लेके पाच लाख तक जुरमाना रखा गेया है।
- अगर व्यापार में कोई फ्रॉड करेगा तो उसके लिए जुरमाना पचास हजार से लेके दस लाख तक रखा गेया हे।
- और व्यापार मैं पहले से ही कृषि मूल्य तय किया जायेगा सरकारी स्तर पर और कृषि करने पहले से ही एग्रीमेंट किया जाएगा किसान भाई और बायर्स के बीच में।
- इसी कृषि बिल में प्याज, आलू, गेहूं, चावल, बाजरा, एडिब्ल ऑयल, ऑयल सीड को एसेंशियल कमोडिटीज़ नियम के बाहर रखा गेया हे। अब किसान भाई ये सब का व्यापार कर सकता हे।
- कुछ डॉक्यूमेंट को किसान भाई को बनाना पड़ेगा जैसे पान कार्ड।
- मोबाइल पे सब किसान भाई को पहले अपने को रजिस्टर करना होगा। e-Nam साइट पर खुद को रजिस्ट्रार करना होगा। उससे सर्वभारतीय स्तर पर किसान ट्रेडिंग कर पाएगा।
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